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उत्तर प्रदेश: योगी सरकार की एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से बदल रही राज्य की तस्वीर

उत्तर प्रदेश ने एक्सप्रेसवे के विकास में एक नई मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीके नेतृत्व में,   13 एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। वर्तमान में, यूपी में छह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं जबकि सात और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 2017 में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद, एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में गति मिली है। प्रमुख परियोजनाओं में गंगा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादुन एक्सप्रेसवे और गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इसके अलावा यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे भी प्रगति पर है। योगी सरकार की इस पहल ने राज्य की अवसंचरना को नई दिशा दी है।

दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे का सफर

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सहारनपुर तक की यात्रा अब और भी सुगम होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में इस योजना को गति मिली है। सहारनपुर से गुजरने वाले दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को जल्द चालू किया जाएगा। जिससे यात्रियों के लिए यात्रा का समय पांच घंटे से घटकर सिर्फ ढाई घंटे हो जाएगा। यह 210 किलोमीटर लंबा और छह लेन वाला एक्सप्रेसवे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को आपस में जोड़ेगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हुआ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, महज 28 महीनों में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था और 16 जुलाई को उन्होंने ही इसका उद्घाटन किया है। यह चार लेन वाला एक्सप्रेसवे चित्रकूट से शुरू होकर इटावा के कुदरैल तक विस्तृत है। 14, 850 करोड़ की लागत से बने इस एक्सप्रेसवे ने बुंदेलखंड क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को नया रूप दिया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का कांसेप्ट पिछली सरकारों के दौर में जरूर चर्चा में था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे वास्तविकता में बदलने की दिशा में ठोस कदम उठाए। फाइलों में ठहरी इस परियोजना को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया गया। अक्टूबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया और 16 नवंबर 2021 को इसका उद्घाटन किया। इस एक्सप्रेसवे ने पूर्वांचल क्षेत्र में यातायात की सुविधा को नया आयाम प्रदान किया है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण

दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना का लोकार्पण वर्ष 2021 में किया गया। 96 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का एक खंड पीएम नरेंद्र मोदी ने 2018 में उद्घाटन किया था। यह छह लेन एक्सप्रेसवे एनएच-3 के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है और आज यह यूपी के सबसे व्यस्त एक्सप्रेसवे में से एक है।

योगी सरकार में गंगा एक्सप्रेसवे की योजना

योगी सरकार में यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे की योजना तैयार की गई। हालांकि पूर्व की सरकारों के दौर में इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन इसे साकार रूप नहीं मिल सका। गंगा एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 594 किलोमीटर होगी। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक फैला होगा, बिजौली गांव से शुरू होकर जूदापुर दांदू गांव तक जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों को जोड़ते हुए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करेगा। इसके निर्माण से आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण जारी

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में तेजी से हो रहा है। यह 91 किलोमीटर लंबा और चार लेन वाला एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से गोरखपुर और लखनऊ को जोड़ने का कार्य करेगा। सलारपुर में यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे लखनऊ और गोरखपुर के बीच यात्रा का समय पांच घंटे तक कम हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है और इसके पूरा होने के बाद क्षेत्रीय आर्थिक कॉरिडोर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कानपुर से लखनऊ तक की कनेक्टिविटी में नया अध्याय

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की योजना को साकार किया गया है। यह एक्सप्रेसवे लगभग 3.5 किलोमीटर तक एनएच-25 के समानांतर विकसित किया जाएगा। इसके निर्माण से शहरों के बीच ट्रैफिक में कमी आएगी। यह 62.76 किलोमीटर लंबा 6 लेन एक्सप्रेसवे लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होकर कानपुर तक पहुंचेगा और एनएच-6 के रूप में जाना जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा की सुगमता और गति में महत्वपूर्ण सुधार होगा, जिससे यातायात की समस्याओं में कमी आएगी।

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे की योजना योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में तैयार की गई है, जो उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने का काम करेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से गाजियाबाद और कानपुर के बीच यात्रा का समय मौजूदा छह घंटे से घटकर केवल तीन घंटे हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे यूपी के नौ जिलों से होकर गुज़रेगा, जिनमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर शामिल हैं। गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के बनने से इन जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और लखनऊ से गाजियाबाद तक की यात्रा भी सुगम हो जाएगी। यह परियोजना न केवल यात्रा की गति को बढ़ाएगी बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगी।

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