#नवीनतम समाचार
* महिलाओं की शिक्षा से लेकर सुरक्षा तक हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं योगी सरकार
* योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की महिला हो रही हैं सशक्त
* रोजगार को बढ़ावा देकर योगी सरकार बना रही है महिलाओं को आत्मनिर्भर
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रयासों ने एक ऐसा माहौल तैयार किया है जिसमें महिलाएं न केवल सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर हो रही हैं।
आत्मनिर्भर हो रही हैं प्रदेश की महिलाएं
पिछले 7 वर्षों में योगी सरकार की नीतियों की समीक्षा करें तो 'महिला सशक्तिकरण' शासन की शीर्ष प्राथमिकता के रूप में स्पष्ट रूप से उभरकर समाने आता है। रोजगार सृजन के लिए शुरू की गई योजनाओं में महिलाओं को बराबरी का भागीदार बनाया जा रहा है, जिससे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही हैं। मुद्रा योजना के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंच बनाते हुए, सरकार ने गरीब परिवारों से नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया है। इस योजना के तहत दिए गए कुल ऋण में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को मिले हैं, जो महिला उद्यमिता के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना: महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता
दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देशभर में महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। योगी सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पूरक पुष्टाहार तैयार करने की जिम्मेदारी देकर न केवल संगठित भ्रष्टाचार से निजात दिलाई, बल्कि महिलाओं के एक बड़े वर्ग को आर्थिक स्वावलंबन से भी जोड़ा। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के 5 वर्षों में जितनी मदद दी गई थी, बीते 7 वर्षों में उसमें लगभग 13 गुणा वृद्धि की गई है। अब, हर स्वयं सहायता समूह को जहां पहले 10 लाख रुपए तक का बिना गारंटी का ऋण मिलता था, वह सीमा दोगुनी होकर 20 लाख रुपए तक पहुंच गई है। राज्य में 80 हज़ार राशन दुकानों का संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बालिकाओं को शिक्षा और सुरक्षा के अवसरों में विस्तार
योगी सरकार बालिकाओं को शिक्षा और सशक्तिकरण के नए अवसर प्रदान करने लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि हाल ही में ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई है, जिससे बेटियों के उज्जव भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस योजना से अब तक 18.66 लाख बेटियों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिससे उनकी शिक्षा और विकास को प्रोत्साहन मिला है।
निर्धन परिवारों के लिए सामूहिक विवाह योजना
निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ सामान्य वर्ग के निर्धन परिवार भी आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी प्राप्त होता है, जिससे उनके पुनर्वास में सहायता मिलती है। एक जोड़े के विवाह पर सरकार द्वारा ₹51,000 की धनराशि दी जाती है, जिससे अब तक 3.50 लाख से अधिक जोड़ों का विवाह सम्पन्न हो चुका है।
निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन योजना
निराश्रित महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार प्रत्येक लाभार्थी को ₹1,000 प्रतिमाह पेंशन प्रदान कर रही है। वर्तमान में 31.50 लाख निराश्रित महिलाएं इस पेंशन योजना का लाभ उठा रही हैं, जिससे वे सम्मानजनक जीवन यापन कर रही हैं।
जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता
जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं के पुनर्वास और सहायता के लिए एक विशेष कोष की स्थापना की गई है। इस कोष के तहत अब तक 7,105 महिलाओं और बालिकाओं को क्षतिपूर्ति धनराशि प्रदान की गई है, जिससे उनके जीवन में नया सवेरा लाया गया है।
महिला सशक्तिकरण में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका
महिलाओं को संगठित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 8.37 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की 1 करोड़ से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को 1,840 उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन किया गया है और आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाला पोषाहार भी अब इन्हीं समूहों द्वारा तैयार किया जा रहा है।
बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट सखी योजना
योगी सरकार की बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट (BC) सखी योजना वित्तीय समावेशन का एक आदर्श मॉडल बनकर उभरी है। इस योजना के तहत, प्रदेश की सभी 57,000 ग्राम पंचायतों में बी.सी. सखी को विभिन्न बैंकों के माध्यम से पदस्थापित किया जा रहा है। ये बी.सी. सखियां न केवल ग्रामवासियों को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं, बल्कि स्वयं भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
धुँआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना के उदे्श्य से शुरू की गई इस योजना से प्रदेश में 1.75 करोड़ परिवारों विशेष कर महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
'सबके लिए आवास' का संकल्प लिये यह योजना पात्र व्यक्तियों, खासकर महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है। योजना के अंतर्गत अभी तक प्रदेश में 55.83 लाख आवास निर्मित किए गए हैं। इनमें अधिकांश आवास मातृशक्ति के नाम आंवटित किए गए हैं।
पी.एम. स्वनिधि योजना
प्रदेश में अब तक 17 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण वितरित किया जा चुका है। इनमें 2 लाख से अधिक महिलाओं को ऋण दिया गया है, जिससे उनके व्यवसाय का मार्ग प्रशस्त हुआ है और जीवन में खुशहाली आई है।
स्वच्छ भारत मिशन
प्रदेश में अब तक 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त नगरीय निकायों में 4,500 पिंक शौचालय निर्मित कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना
योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के उन लोगों को अपनी जमीन का मलिकाना हक़ दिया जा रहा है, जिनकी जमीन किसी भी सरकारी दस्तावेज़ में दर्ज़ नहीं है। मलिकाना हक़ परिवार की महिला सदस्य के नाम अंकित किया जा रहा है। अब तक 66.59 लाख महिलाओं को स्वामित्व प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
योजना के तहत अब तक 54.44 लाख गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना
योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 90 लाख महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरुक किया गया।
मिशन वात्सल्य योजना
प्रदेश में 75,811 बच्चों को उनके माता-पिता/अभिभावकों से मिलाया गया तथा 1,436 संभावित बाल विवाह रोके गए।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन सभी प्रयासों ने उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और विकास की नई ऊँचाइयों को छूने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आइए, एक साथ कदम बढ़ाएं और अपने देश को एक बेहतरीन भविष्य की ओर अग्रसर करें।
हमारी योजनाओं और गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें और एक बेहतर भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दें।